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कोदंड
Meanings: 10; in Dictionaries: 7
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bow
Meanings: 17; in Dictionaries: 8
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eyebrow
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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supercilium
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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brow
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
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अदृष्ट फिरणें
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
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विठ्ठल चित्रकवि
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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विठ्ठल चित्रकवि
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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पदे ३०१ ते ३५०
ही प्रत नागोशी शिवनाथ तोतड्या वाशिष्ठगोत्री याने शके १६१६ भावनाम संवत्सरी माघ वद्य ८ स गणेशभट हराळे या भिक्षुकाच्या वहीवरून उतरून घेतली.
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संगीत शारदा - अंक पांचवा
संगीत शारदा या नाटकाची लोकप्रियता एवढी होती की ‘संमती कायदा‘ याचे नाव ‘शारदा कायदा‘ असे पडले. जरठ-कुमारी विवाहा हा नाटकाचा प्रमुख विषय आहे.
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आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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संगीत शारदा - अंक पहिला
संगीत शारदा या नाटकाची लोकप्रियता एवढी होती की ‘संमती कायदा‘ याचे नाव ‘शारदा कायदा‘ असे पडले. जरठ-कुमारी विवाहा हा नाटकाचा प्रमुख विषय आहे.
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संगीत शारदा - अंक दुसरा
संगीत शारदा या नाटकाची लोकप्रियता एवढी होती की ‘संमती कायदा‘ याचे नाव ‘शारदा कायदा‘ असे पडले. जरठ-कुमारी विवाहा हा नाटकाचा प्रमुख विषय आहे.
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उनकेश्वराची आरती - जय जय श्रीगुरुशरभंगा । आर...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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अध्याय ४२ वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय आठवा - श्लोक १०१ ते १५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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निरंजन माधव - प्रतापवर्णन
निरंजन माधवांच्या कवितेत काव्यस्फूर्ति उच्च दर्ज्याची असून भाषेत सरळपणा व प्रसाद सोज्वळ आहे.
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गोविंदकृत पदें २४१ ते २४४
पद हा अभंगाचाच एक प्रकार असून लयीत गाता येतो, शिवाय गाण्याची कोणतीही ठराविक वेळ नसते.
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लंकाकाण्ड - श्लोक
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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अहित
Meanings: 39; in Dictionaries: 11
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संगीत शारदा - अंक चवथा
संगीत शारदा या नाटकाची लोकप्रियता एवढी होती की ‘संमती कायदा‘ याचे नाव ‘शारदा कायदा‘ असे पडले. जरठ-कुमारी विवाहा हा नाटकाचा प्रमुख विषय आहे.
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अर्थालंकार - व्याजस्तुती
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास अलंकार असे म्हणतात.
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श्री मुक्तेश्वर आख्यान - अध्याय १ ला
ब्रह्मांड पुराण वर्ण वैभव खंडामधील ब्रह्म व नारद यांच्या संवादात श्री मुक्तेश्वर पुराण सांगण्यात आले आहे.
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लावणी - डुलत खुलत चाले , झुलत झुल...
शाहीर प्रभाकर महाराष्ट्रातील कवी मंडळातील शाहीर कवी म्हणून ओळखले जातात.
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कोट
Meanings: 37; in Dictionaries: 12
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अध्याय सातवा - श्लोक २०१ ते २५९
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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अध्याय चवथा - श्लोक २५१ से २८३
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
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अध्याय ७७ वा - श्लोक १ ते ५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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अध्याय ६६ वा - श्लोक ११ ते १५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ५
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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चाप
Meanings: 56; in Dictionaries: 12
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अध्याय अठ्ठावीसावा - श्लोक १५१ ते २१७
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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वामन पंडित - रामजन्म
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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लंकाकाण्ड - दोहा ८१ से ९०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ४
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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श्रीरामाचीं पदें - पद ११ ते २०
भारत इतिहास - संशोधक - मंडळ - पुरस्कृत - ग्रंथ - माला
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विनय पत्रिका - श्रीराम स्तुति ५
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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अध्याय ८३ वा - श्लोक ३१ ते ३५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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देवताविषयक पदे - दृष्ट
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा आणि भारुडे रचून इतिहास घडविला आहे.
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श्रीराममाहात्म्य - रामचरित्र
संत नामदेवांनी भक्ति-गीते आणि अभंगांची रचना करून समस्त जनता-जनार्दनाला समता आणि प्रभु-भक्तिची शिकवण दिली.
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद ११६ से १२०
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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कुशलवोपाख्यान - अध्याय सातवा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
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श्रीरामाचीं पदें - पद १११ ते १२४
भारत इतिहास - संशोधक - मंडळ - पुरस्कृत - ग्रंथ - माला
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संगीत शारदा - अंक तिसरा
संगीत शारदा या नाटकाची लोकप्रियता एवढी होती की ‘संमती कायदा‘ याचे नाव ‘शारदा कायदा‘ असे पडले. जरठ-कुमारी विवाहा हा नाटकाचा प्रमुख विषय आहे.
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पदे ३५१ ते ४००
ही प्रत नागोशी शिवनाथ तोतड्या वाशिष्ठगोत्री याने शके १६१६ भावनाम संवत्सरी माघ वद्य ८ स गणेशभट हराळे या भिक्षुकाच्या वहीवरून उतरून घेतली.
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नित्यनैमित्तिक विधिसंग्रहसोपान - निर्णुंण ध्यान
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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वामन पंडित - अहिल्योद्धार
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
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अरण्यकाण्ड - दोहा ११ से २०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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अध्याय तेहतीसावा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
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आदिपर्व - अध्याय पंचविसावा
मोरेश्वर रामजी पराडकर (१७२९–१७९४), हे महाराष्ट्रात मोरोपंत अथवा मयूर पंडित नावाने ओळखले जातात.
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